ICC ODI Bowler Ranking: केशव महाराज आईसीसी वनडे गेंदबाज रैंकिंग में नंबर 1

ICC ODI Bowler Ranking, keshav Maharaj

ICC ODI Bowler Ranking: नमस्ते दोस्तों! क्रिकेट की दुनिया में हमेशा कुछ न कुछ रोमांचक होता रहता है, और आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसे खिलाड़ी की जिसने अपनी मेहनत और काबिलियत से पूरी दुनिया को चौंका दिया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं दक्षिण अफ्रीका के स्पिनर केशव महाराज (Keshav Maharaj) की, जो अभी-अभी आईसीसी की वनडे गेंदबाज रैंकिंग (ICC ODI Bowler Ranking) में नंबर 1 पर पहुंच गए हैं। ये कोई छोटी-मोटी उपलब्धि नहीं है; ये वो पल है जो एक क्रिकेटर के करियर को हमेशा के लिए यादगार बना देता है। आइए, इस लेख में हम केशव महाराज की जिंदगी, उनके करियर और इस नए मुकाम तक पहुंचने की कहानी को थोड़ा करीब से जानते हैं।

केशव का इंटरनेशनल डेब्यू टेस्ट क्रिकेट में 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ, जहां उन्होंने पर्थ में शानदार प्रदर्शन किया। उसके बाद 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे डेब्यू किया। शुरू से ही केशव को एक ऐसे गेंदबाज के रूप में देखा जाता रहा है जो मैच की स्थिति को पलट सकता है। उनकी गेंदबाजी में वैरिएशन, कंट्रोल और दबाव झेलने की क्षमता कमाल की है। घरेलू क्रिकेट में उन्होंने कई बार 10 विकेट हॉल लिए, जो उनकी क्लास दिखाता है।

करियर की मुख्य झलकियां: संघर्ष से सफलता तक

केशव महाराज (Keshav Maharaj Career) का करियर आसान नहीं रहा। दक्षिण अफ्रीका जैसी टीम में स्पिनर (South Africa Spinner के रूप में जगह बनाना चुनौतीपूर्ण है, जहां तेज गेंदबाजों का दबदबा रहता है। लेकिन केशव ने अपनी लगन से जगह पक्की की। 2016-17 सीजन में उन्होंने फर्स्ट क्लास मैच में 13 विकेट लेकर सबको हैरान कर दिया, जिसके बाद उन्हें साउथ अफ्रीका की टेस्ट टीम में शामिल किया गया।

ICC ODI Bowler Ranking, keshav Maharaj

वनडे क्रिकेट में केशव ने अब तक 49 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 63 विकेट झटके हैं। उनकी औसत 30.46 है, इकोनॉमी रेट 4.58 और बेस्ट फिगर 5/33 है। बल्लेबाजी में भी वो उपयोगी हैं – 23 पारियों में 238 रन बनाए, जिसमें हाईएस्ट स्कोर 40 है। टेस्ट में वो और भी घातक हैं, लेकिन आज हम फोकस वनडे पर रखेंगे। 2023 में उन्होंने पहली बार नंबर 1 का ताज पहना था, लेकिन वो ज्यादा समय तक नहीं टिका। अब 2025 में उन्होंने फिर से वो मुकाम हासिल किया है, जो उनकी निरंतरता को साबित करता है।

केशव की एक खास बात ये है कि वो मुश्किल पिचों पर भी अच्छा परफॉर्म करते हैं। चाहे वो एशिया की स्पिन फ्रेंडली पिचें हों या ऑस्ट्रेलिया की बाउंसी ट्रैक्स, केशव हमेशा टीम के लिए उपयोगी साबित होते हैं। उन्होंने इंग्लैंड, पाकिस्तान, श्रीलंका और वेस्टइंडीज जैसी टीमों के खिलाफ शानदार स्पेल फेंके हैं।

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ICC ODI Bowler Ranking कैसे बने नंबर 1?

अब आते हैं मुख्य मुद्दे पर – केशव महाराज कैसे बने आईसीसी वनडे गेंदबाज रैंकिंग (ICC ODI bowler ranking) के नए नंबर 1? ((No.1 ODI Bowler)ये सब हुआ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के पहले मैच में। कैर्न्स में खेले गए इस मुकाबले में केशव ने 5 विकेट लेकर मैच का रुख पलट दिया। उनके फिगर थे 5/33, और साउथ अफ्रीका ने 98 रनों से जीत दर्ज की। केशव को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। इस परफॉर्मेंस की बदौलत उन्होंने भारत के कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) और श्रीलंका के महीश तीक्ष्णा को पीछे छोड़कर टॉप स्पॉट हासिल किया।

ये पहली बार नहीं है जब केशव ने ऐसा किया। नवंबर-दिसंबर 2023 में भी वो थोड़े समय के लिए नंबर 1 बने थे। लेकिन इस बार की उपलब्धि इसलिए खास है क्योंकि 35 साल की उम्र में टॉप पर पहुंचना आसान नहीं होता। आईसीसी रैंकिंग (ICC ODI Rankings) में उनका रेटिंग पॉइंट 687 है, जो महीश तीक्ष्णा (671) और कुलदीप यादव (650) से आगे है।

नामीबिया के बर्नार्ड शोल्ट्ज और अफगानिस्तान के राशिद खान भी टॉप 5 में हैं, लेकिन केशव का कमबैक इंस्पायरिंग है।

हाल की रैंकिंग (ICC Rankings) अपडेट में वेस्टइंडीज के जेडन सील्स ने भी 15 जगहों की छलांग लगाई, लेकिन केशव की स्टोरी सबसे चर्चित है। उनकी गेंदबाजी में वो क्लास है जो मैच विनर बनाती है – स्लोअर, फ्लाइट और आर्म बॉल का मिक्सचर। ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ 5 विकेट लेना ये दिखाता है कि केशव अब पीक पर हैं।

केशव महाराज की ताकत: क्या बनाता है उन्हें स्पेशल?

केशव महाराज सिर्फ एक गेंदबाज नहीं, बल्कि एक स्ट्रैटेजिस्ट हैं। उनकी इकोनॉमी रेट बताती है कि वो रन रोकने में माहिर हैं, जो वनडे क्रिकेट में बहुत जरूरी है। स्पिनर होने के बावजूद वो डेथ ओवरों में भी प्रभावी हैं। इसके अलावा, केशव की मेंटल स्ट्रेंग्थ कमाल की है। चोटों और फॉर्म के उतार-चढ़ाव के बावजूद वो वापसी करते हैं।

उनकी बल्लेबाजी भी प्लस पॉइंट है। लोअर ऑर्डर में वो उपयोगी रन जोड़ सकते हैं, जो टीम बैलेंस के लिए अच्छा है। आईपीएल में भी वो लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए खेल चुके हैं, जहां उन्होंने अपनी उपयोगिता दिखाई।

निष्कर्ष: एक प्रेरणा की कहानी

केशव महाराज का नंबर 1 बनना सिर्फ (ICC Ranking 2025) एक रैंकिंग नहीं, बल्कि मेहनत की जीत है। 35 साल की उम्र में टॉप पर पहुंचकर उन्होंने दिखा दिया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। युवा क्रिकेटर्स के लिए ये एक बड़ा सबक है – लगातार प्रयास करो, सफलता जरूर मिलेगी। साउथ अफ्रीका की टीम अब वर्ल्ड कप की तैयारी में है, और केशव जैसे प्लेयर उनके लिए एसेट हैं।

अगर आप क्रिकेट फैन हैं, तो केशव महाराज की ये जर्नी आपको जरूर मोटिवेट करेगी। क्या लगता है, केशव कितने समय तक नंबर 1 रहेंगे?


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